सोयाबीन की नई किस्म 2024 : किसान भाइयों सोयाबीन की यह तीन नई वैरायटी सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर ने जारी की है। कृषि वैज्ञानिकों ने तीनों वैरायटी को किसान भाइयों के सामने पेश की है। अगर किसान इस सोयाबीन वैरायटी का खेती करते हैं तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा उत्पादन मिलेगा। सोयाबीन की यह किस्म जल्द ही तैयार हो जाती है।
किसान भाइयों भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान कई वर्षों से फूड ग्रेड वैरायटी विकसित कर रहा है। इसी दौरान सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने सोयाबीन की तीन नई किस्म मध्य भारत के लिए विकसित की है। NRC 188, 181, 152 यह किस्म अभी तक किसानों के लिए जारी नहीं की गई है। लेकिन इसकी अधिसूचना के बाद इसे किसानों को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सोयाबीन की नई किस्म 2024
सोयाबीन NRC 188 किस्म
सोयाबीन NRC 188 एक उन्नत किस्म है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र (NRC) द्वारा विकसित किया गया है।
यह एक वेजिटेबल सोयाबीन है। इसका प्रयोग खाने के लिए किया जाता है सोयाबीन की यह वैरायटी गंध मुक्त है और इस सोयाबीन का उपयोग मटर के समान किया जाएगा। जिस तरह मटर का प्रयोग हरि अवस्था में किया जाता है उसी प्रकार सोयाबीन एनआरसी 188 किस्म का प्रयोग हरि अवस्था में किया जाएगा।
यह किस्म उच्च उपज देने वाली होती है, जिससे किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। NRC 188 किस्म में विभिन्न कीटों और रोगों के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता होती है, जिससे फसल अच्छे से ग्रो करता है। इस किस्म के बीज उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं, जो तेल और प्रोटीन की उच्च मात्रा प्रदान करते हैं। NRC 188 जल्दी पकने वाली किस्म है, जिससे किसान कम समय में फसल प्राप्त कर सकते हैं। यह किस्म विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में उगाई जा सकती है, जिससे इसकी खेती विभिन्न क्षेत्रों में संभव है।
सोयाबीन की यह नवीनतम वैरायटी किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है। सोयाबीन NRC 188 किस्म का उत्पादन एक हेक्टेयर में 40 से 45 क्विंटल तक रहेगा। पूर्ण रूप से पकाने के बाद ये अन्य सोयाबीन की तरह ही होता है। सोयाबीन की ताजा फलियां अगर 40 से 45 प्रति किलो बिकता है तो किसान को एक हेक्टेयर में डेढ़ लाख तक फायदा हो सकता है। NRC 188 कम उर्वरक और जल की आवश्यकता वाली किस्म है, जिससे किसान इसे सस्ते में उगा सकते हैं।
सोयाबीन NRC 181 किस्म
सोयाबीन की यह किस्म अन्य किस्म की तुलना में ज्यादा बड़े होते हैं तथा इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है। इसमें जब फूल आते हैं तब इसका रंग सफेद हो जाता है। NRC 181 किस्म अधिक उपज देने वाली होती है, जिससे किसानों को प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। इस किस्म में तेल की उच्च मात्रा होती है, जिससे इसका महत्व बढ़ जाता है। NRC 181 किस्म के सोयाबीन में प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है, जो इसे ओर भी खास बनाता है।
सोयाबीन NRC 181 किस्म बुवाई के 90 दिनों बाद तैयार हो जाते हैं और इसका उत्पादन एक हेक्टेयर में 17 से 20 क्विंटल तक रहेगा। यह किस्म विभिन्न कीटों के प्रति भी प्रतिरोधक होती है, जिससे फसल खराब नहीं होती है। यह किस्म विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु में अच्छी तरह उगाई जा सकती है, जिससे इसकी खेती विभिन्न क्षेत्रों में संभव है।
सोयाबीन NRC 152 किस्म
सोयाबीन NRC 152 किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित की गई एक विशेष किस्म है, जो अधिक उत्पादकता के लिए जानी जाती है। यह किस्म प्रति हेक्टेयर अधिक उपज देती है, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा हो सके। इसके बीज मध्यम आकार के होते हैं और अच्छी गुणवत्ता के होते हैं। NRC 152 किस्म में विभिन्न बीमारियों और कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है।
सोयाबीन की यह किस्म 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है तथा यह वैरायटी कम पानी में भी जल्दी तैयार हो जाती है। इसको ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। सोयाबीन NRC 152 किस्म का उत्पादन एक हेक्टेयर में 47 से 48 क्विंटल तक रहता है। यह किस्म विभिन्न प्रकार की जलवायु परिस्थितियों में उगाई जा सकती है। किसानों के लिए यह किस्म लाभकारी होती है क्योंकि यह अधिक उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी विशेषताओं के साथ आती है। इससे उत्पादन लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।
किसान भाइयों हम लोगों ने सोयाबीन की नई किस्म के बारे में पढ़ा, जो 2024 में ही भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा जारी किया गया है। उम्मीद है आप लोगों के सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा। यह सोयाबीन की नई किस्म आप 2024 में लगा दे। आपको सबसे ज्यादा मात्रा में उत्पादन मिलेगा।
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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है शाहिद और आप सभी लोगों का स्वागत है adbhutkheti.com पर। मैं अपने बारे में बात करूं तो मैंने स्नातक ज्योग्राफी से किया है। उसके बाद मैंने मास्टर्स एग्रीकल्चर ज्योग्राफी में क्या है। आज-कल मैं अपना बिजनेस और यूट्यूब चैनल के साथ-साथ ब्लॉग भी चला रहा हूं और साथ में किसानों के लिए कंटेंट लिख रहा हूं।