जल्दी पकने वाली सोयाबीन की टॉप 5 किस्में, सिर्फ 90 दिनों के अंदर तैयार हो जाएगा।

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बहुत से किसान भाई रवि फसल में अगेती आलू की फसल लगाते है जिस कारण वह खेत को खाली छोड़ते है लेकिन खेत खाली छोड़ने के बाद अगर बारिश हो जाती है तो फसल लेट हो जाती है क्योंकि समय पर इसकी बुवाई हो नहीं पाती है जिससे किसान को काफी नुकसान सहना पड़ता है साथ में उन्होंने कोई भी खरीफ की फसल नहीं लगाई होती है जिससे उन्हें काफी नुकसान को सहना पड़ता हैं।

तो किसान भाइयों सोयाबीन की कुछ ऐसी किस्में है जिसको लगाने के बाद आप आलू और लहसुन की भी खेती कर सकते हैं। साथ में आपको बाजार में अच्छा भाव भी मिल जाएगा और अगर उसके बाद आप आलू और लहसुन की बुवाई करना चाहते है तो आप उसकी भी बुवाई कर सकते हैं। तो किसान भाइयों सोयाबीन की टॉप 5 किस्में आप लगा दे 90 दिनों के अंदर सोयाबीन तैयार हो जाएगा।

सोयाबीन की टॉप 5 किस्में

सोयाबीन जे एस 9560

सोयाबीन जे‌ एस 9560 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा एक खास किस्म की सोयाबीन है, जो अपने उच्च उत्पादन और गुणवत्ता की वजह से जानी जाती है। यह किस्म विशेष रूप से भारतीय कृषि परिदृश्य को ध्यान में रखकर विकसित की गई है। यह किस्म विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में तैयार हो सकती है। यह उच्च उत्पादन क्षमता के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय हैं।

यह किसम किसानों को रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में मदद करता है, सोना केवल लागत को काम करता है बल्कि पर्यावरण पर भी अच्छा प्रभाव डालता हैं। साथी यह किस्म जल्दी पक कर तैयार हो जाती है, जिससे किसान समय पर फसल की कटाई कर लेते हैं और अगले फसल की तैयारी शुरू कर देते हैं।

सोयाबीन जे एस 9560 उच्च मात्रा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो इसे एक पौष्टिक फसल बनाते हैं। इसका उपयोग से न केवल खाद्य सुरक्षा में सुधार होता है, बल्कि पशु आहार के रूप में भी इसका महत्व बढ़ता है। यह किस्म किसानों की आय को बढ़ाती है। साथ ही खाध सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सोयाबीन जे एस 2034

किसान भाइयों यह भी किस्म बहुत ही जल्दी पक कर तैयार हो जाती है यह लगभग 85 से 90 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है और इसकी उत्पादन क्षमता की बात करें तो लगभग 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो जाता है लेकिन इसकी एक प्रॉब्लम यह है कि इसकी ऊंचाई थोड़ी सी कम होती है जिसके हार्वेस्टिंग में प्रॉब्लम हो सकती है लेकिन बहुत सारे किसान भाई इसकी भी खेती करते हैं और उन्हें अच्छा खासा रिजल्ट देखने को मिलता हैं।

सोयाबीन अंकुर अग्रसर

सोयाबीन अंकुर अग्रसर एक उन्नत किस्म की सोयाबीन है, जो किसानों को उत्पादकता बढ़ाने में मदद करती है। यह पौधों को जल्दी से उगाने में मदद करती है और रोगों से बचाती है। यह अभी उतना प्रचलित नहीं है, लेकिन इसका उत्पादन काफी अच्छा माना जाता है।

सोयाबीन अंकुर अग्रसर का उपयोग उत्पादकता में वृद्धि के लिए किया जाता है। इसकी उत्पादन की बात करें तो 10 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और ये 90 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है। साथ ही इसके पौधे बहुत अच्छे से ग्रो करते है और इसके पौधे की लंबाई भी काफी ज्यादा होती हैं। इससे किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।

किस्म का अधिक अनुसंधान और विकास किया जा रहा है ताकि यह किसानों को अधिक उत्पादन में मदद करें।

सोयाबीन ब्लैक गोल्ड

किसान भाइयों आपने इस किस्म का नाम जरुर सुना होगा इसे सोयाबीन ब्लैक बोल्ड से भी जाना जाता है। सोयाबीन की सबसे उन्नत किस्म है, जिसे किसानों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसके अलावा यह हर मौसम में तैयार हो जाता है। साथ ही यह विभिन्न क्षेत्रों में भी काफी अच्छी मानी जाती है।

सोयाबीन ब्लैक गोल्ड का अनुसंधान और विकास किया जा रहा है ताकि किसान इससे ज्यादा मुनाफा कमा सके। यह किस्म लगभग 85 से 90 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है और इसकी उत्पादन के क्षमता की बात करें तो लगभग 26 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है।

इस किस्म का विकास बढ़ती हुई सोयाबीन की मांगों को पूरा करने के लिए किया गया है।

सोयाबीन एनआरसी 150

किसान भाइयों यह भी एक नई किस्म है, जो मध्य भारत के लिए विकसित की गई है। इस किस्म को सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर ने किसानों को उपलब्ध कराया है। यह अपने उच्च उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता के कारण पूरे देश में जाना जाता है। इसके पौधे काफी अच्छे से ग्रो करते हैं।

इस किस्म की उत्पादन की बात करें तो लगभग 35 से 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है। साथ ही यह 85 से 90 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। यह वैरायटी काफी अच्छी है, क्योंकि जिस-जिस किसान ने इस वैरायटी को लगाया है उनको अच्छा रिजल्ट मिला हैं।

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सोयाबीन की नई किस्म 2024,जो सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने जारी किया है। NRC 188, 181, 152

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